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गौरेला पेंड्रा मरवाही

Marwahi: ग्राम पंचायत तेंदूमुड़ा बना भ्रष्टाचार का गढ़: कागजी घोड़ा दौड़ाकर ग्राम विकास के डकारे लाखों रुपए..

गौरेला पेंड्रा मरवाही: “अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर सब्जी टके सेर खाजा” यह मुहावरा ग्राम पंचायत तेंदूमुड़ा में हो रहे भ्रष्टाचार तथा अवैध खर्च और मनमाने तरीके से पैसों का दुरुपयोग हो रहा है जहां ना तो ग्रामवासियों को इसकी खबर है ना ही प्रशासन का इस ओर ध्यान है।

दरअसल जिले के मरवाही जनपद अंतर्गत वनांचल ग्राम पंचायत तेंदूमुड़ा के सरपंच- सचिव ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी और बिना काम कराए मूलभूत एवं 14वें, 15वें वित्त राशि का व्यय बता दिया गया है तथा गांव में अपेक्षित विकास कार्य भी नही कराए गए। वहीं जो कार्य पंचायत मद की राशि से कराए गए, उनमे उतना खर्च नही आया जितनी राशि निकाले गए।

ग्राम के विकास और ग्रामीण जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने हेतु सरकार हर ग्राम पंचायत को वहां की जनसंख्या के हिसाब से लाखो रुपये देती है। ऐसे ही ग्राम पंचायत तेंदूमुड़ा को भी 4 साल मे शासन से लाखों रुपये मिला। जहां सरपंच ने सचिव के साथ मिलकर फर्जी प्रस्ताव बना और बिना काम कराए मूलभूत एवं 14वें, 15वें वित्त से लाखो रुपये निकालकर डकार लिए।

सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार की लंबी फेहरिस्त है, जिसमे मूलभूत, 14वें- 15वें वित्त मद की राशि आहरण के लिए फर्जी तरीके से पंचो का हस्ताक्षर कर प्रस्ताव बना लेते है तथा किसी भी मटेरियल सप्लायर फर्म से सांठगांठ कर उनके नाम से चेक काट कर पैसे आहरण भी कर लेते है। विकास की पूरी राशि भी भ्रष्टाचार कर गबन कर ली गई है।

अपेक्षित विकास से कोसो दूर तेंदूमुड़ा ग्राम..

सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कार्य रवैये के कारण यह ग्राम अपेक्षित विकास से कोसो दूर हो चला है, जहां तत्कालीन सरपंच के कार्यकाल में कराए गए निर्माण/विकास कार्य के बाद वर्तमान सरपंच के कार्यकाल में कुछ विकास देखने को नही मिल रहा और ग्रामीण जनता वर्तमान जरूरत के हिसाब से मूलभूत सुविधाओं व विकास से काफी वंचित है। ऐसा नही कि राशि आहरण के अनुसार काम नही कराए गए है, बल्कि यहां की जनता के नजरों में न दिखने वाले ज्यादातर विकास कार्य कागजों में कराए गए है।

अधिकारियों के अनदेखी से सरपंच- सचिव की मनमानी चरम पर

मरवाही ब्लाक अंतर्गत अंतिम छोर तथा दूरस्थ वनांचल पंचायत होने के कारण संबंधित अधिकारियों की निरीक्षण गतिविधियां शून्य के बराबर है, लिहाजा इसी का फायदा उठाकर सरपंच- सचिव “मेरी डफली- मेरा राग” की तर्ज पर मनमानी करते हुए पंचायत मद की राशि पर जमकर हाथ साफ कर रहे है। जिससे यहां की जनता अनेक बुनियादी सुविधाओं के लिए ललायित है।