MURDER: कबर बिज्जू की ले ली जान, रेंजर रामनिवास एवं कर्मचारी मामले को लेकर करते रहे लीपा-पोती, रेंजर को तत्काल निलंबित करे वन विभाग…
• नियमविरुद्ध रेंजर ने जलाने की बजाय दफना दी लाश
कोरबा। जंगल से भटक कर कबर बिज्जू ग्रामीण के घर पास जा पहुंचा था। जब ग्रामीण की उस जानवर पर नजर पड़ी तो उसने डंडा निकालकर उसकी बेरहमी से ताबड़तोड़ पिटाई शुरू कर दी और उसकी मौत हो गई। वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों को जब इसकी सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचे और इसकी जानकारी ना ही डीएफओ को दी थी ना ही किसी वरिष्ठ अफसर को और मामले की लीपापोती करते नजर आए और उसे जलाने की बजाए दफना दिया गया और मारने वाले ग्रामीण के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नही की गई है।
उल्लेखनीय है कि कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत आने वाले पसान रेंज के दर्रीपारा में बुधवार की सुबह एक कबरबिज्जू जंगल से भटककर जगमोहन नामक ग्रामीण के घर पास पहुंच गया था। जब ग्रामीण की नजर उस जानवर पर पड़ी तो उसने लाठी निकाल कर उसे मारना शुरू कर दिया और जब तक उसकी जान नहीं चली गई तब तक उसे पीटता रहा जिससे उसकी मौत हो गई।
जब इसकी जानकारी पसान वन परिक्षेत्र अधिकारी राम निवास व ईश्वर मानिकपुरी को लगी तो वे तत्काल मौके पर पहुंचे और पशु चिकित्सक से कबरबिज्जू की पोस्टमार्टम की कार्यवाही तो कराई लेकिन उसे जलाने की बजाए जंगल में दफना दिया गया और मारने वाले ग्रामीण के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जब इस मामले को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी राम विलास से जानकारी पूछी गई तो वे लगातार गोलमोल जवाब देते रहे और ऐसे ही सामान्य जानवर की मौत होने की बात कहते रहे और कुछ भी बताने से कतराते रहे।
इससे पहले भी कई बार पकड़ा जा चुका है जानवर:
जिले के कोरबा व कटघोरा वनमंडल में बड़े पैमाने पर दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों का बसेरा है। इससे पहले भी कटघोरा व कोरबा वनमंडल में कबरबिज्जू कई बार पकड़ा जा चुका है जिसे वन विभाग ने इसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया था। कुछ माह पहले ही कटघोरा वनमंडल के सुतरा में एक ग्रामीण के घर में घुस गया था। जिसे पूरी रात कमरे में बंद कर रखा गया था और सुबह उसका रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया था जो यह दर्शाता है कि इस जंगल में बेहतर जैव विविधता है लेकिन वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी ही अब ऐसे जानवरों को सुरक्षित व संरक्षित करने की दिशा पर कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं जिससे इनकी जान लगातार खतरे में बनी हुई है।
रेंजर रामनिवास की लापरवाही पोस्टमार्टम के समय नही थे –
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जब हत्या के बाद कबरबिज्जु का पोस्टमार्टम किया जा रहा था उस समय रेंजर मौके पर उपस्थित नही थे केवल वन विभाग का एक कर्मचारी व पशु चिकित्सक ही थे जबकि रेंजर अथवा किसी राजपत्रित अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है।
मामले की होगी जांच –
एक वन्य प्राणी के मौत की घटना सामने आई है मैं अभी बाहर हू मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
रेंजर व ग्रामीण के खिलाफ दर्ज होना चाहिए मामला –
वन विभाग के जानकार बताते हैं कि कबर बिज्जू वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची एक (क) के संरक्षित प्रजाति के वन्य प्राणी में आने वाला जानवर है। जिसकी जान लेना सामान्य बात नहीं है । ग्रामीण ने कबरबिज्जू की डंडे से पीट-पीटकर उसे मौत के घाट उतारा है। वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों ने इस मामले में लीपापोती कर ऐसे ही उसे दफना दिया है।
उसे दफनाने की बजाए उसे अधिकारियों की उपस्थिति में जलाने का प्रावधान है। वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषी वन विभाग के रेंजर व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही उसकी हत्या करने वाले ग्रामीण के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई करनी चाहिए।